hanuman chalisa Secrets

When he returns, he tells his scouting bash what had transpired, plus they rush back again to Kishkindha, wherever Rama had been waiting all together for news.

That you are golden colored, that you are shining with your beautiful attire. You may have beautiful ear-rings with your ear and curly hairs.

भावार्थ – हे अतुलित बल के भण्डार घर रामदूत हनुमान जी! आप लोक में अंजनी पुत्र और पवनसुत के नाम से विख्यात हैं।

राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना ।

Compared with the initial Variation, Hanoman in the wayang has two young children. The main is named Trigangga who's in the form of the white ape like himself. It is alleged that when he arrived household from burning Alengka, Hanoman had the image of Trijata's experience, Wibisana's daughter, who took care of Sita. More than the ocean, Hanuman's semen fell and caused the seawater to boil.

rāmachandraRāmachandraLord Rama keKeOf kājaKājaWork samvāreSamvāreMade it simple / performed Indicating: You assumed a horrifying type and ruined asuras (demons – the armay of Ravana) and designed the Lord Rama’s mission much easier.

अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥ राम रसायन तुह्मरे पासा ।

मुक्ति के चार प्रकार हैं – सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य एवं सायुज्य। यहाँ प्रायः सालोक्य मुक्ति से अभिप्राय है।

असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥ अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।

Some time right after this event, Hanuman starts using his supernatural powers on harmless bystanders as simple pranks, until finally one day he pranks a meditating sage.

व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।

व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।

भावार्थ– आप भगवान् शंकर के अंश (अवतार) और केशरी पुत्र के नाम से विख्यात हैं। website आप (अतिशय) तेजस्वी, महान् प्रतापी और समस्त जगत्के वन्दनीय हैं।

भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।

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